मां की योनि से ही सारा ब्रह्माण्ड उत्पन्न हुआ है। भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश सभी देवी-देवता सूरज, चंद्रमा, तारे, पृथ्वी, आकाश, वायु, जितने भी
महाब्रह्मर्षि‘ यह पद कैसे निष्पन्न होता है, इसका शास्त्रों में उद्धृत प्रमाण के आलोक में चिंतन करते हैं-‘महाब्रह्मर्षि’ में तीन शब्द (पद) हैं-महा (महत्)
नाड़ी दोष के कारण दिन-प्रतिदिन वैवाहिक जीवन में विघटन आ रहा है। भारत ही नहीं पूरे विश्व में इस प्रकार की परिस्थितियां बनी हुई
हनुमानजी इस कलयुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे। वे आज भी धरती पर विचरण करते हैं। हनुमानजी को धर्म की रक्षा
विष्णु पुराण की कथा के अनुसार सतयुग में हिरण्यकश्यप और हिरणाक्ष नामक दो असुर सम्राट हुए थे जो भगवान विष्णु के कट्टर विरोधी थे।
1858 में इंडियन एजुकेशन एक्ट बनाया गया, इसकी ड्राफ्टिंग लार्ड मैकोले ने की थी लेकिन उससे उसने यहां भारत की शिक्षा व्यवस्था का सर्वेक्षण
नवदुर्गा, यानि मां दुर्गा के नौ रूप 9 औषधियों में भी विराजते हैं और समस्त रोगों से बचाकर जगत का कल्याण करते हैं। नवदुर्गा
ज्योतिष एक अद्भुत विज्ञान है जिसे साक्षात ब्रह्मा जी ने मानवता के कल्याण के लिए प्रकट किया था। ज्योतिष को वेद का नेत्र भी
His Holiness Mahabrahmrishi Shree Kumar Swami Ji indited a collection of sacred writings/verses combined to form a Divine Entity in itself — Shree Mahabrahm
विनम्रता व समर्पण ही व्यक्ति को महान बनाती है और परमात्मा तक पहुंचा देती है। जब तक मनुष्य विनम्र होगा और अहंकार रहित होगा
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