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FAQ - MahaBrahmrishi Shree Kumar Swami ji

प्रश्न 1: प्रभु कृपा दुःख निवारण समागम का अर्थ क्या है ? समागम में क्या होता है ? क्या समागम की कोई एंट्री फीस है ?

उत्त  : प्रत्येक मनुष्य अपने प्रारब्ध के साथ जन्म लेता है, पूर्व जन्मो के कर्मो के कारण इस जीवन के सुख और दुःख निर्धारित होते हैं। जिन्हे भोगने के सिवाय अन्य कोई समाधान नहीं है, किन्तु प्रभु की कृपा से, सद्गुरु की कृपा से इसी जन्म में तन-मन-धन के सभी दुखो से पार हो सुख की प्राप्ति कर, मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। जिसे भगवान श्री कृष्ण श्रीमद भगवद गीता में अर्जुन को सम्बोधित करते हुए कहते हैं :-

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।

अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।।18.66।।

सब धर्मों का परित्याग करके तुम एक मेरी ही शरण में आओ, मैं तुम्हें समस्त पापों से मुक्त कर दूँगा, तुम शोक मत करो।।

“प्रभु कृपा दुःख निवारण समागम” में पूज्य सदगुरुदेवजी द्वारा सभी दुखो से पार होने के शास्त्रोक्त समाधान बीज मंत्र व पाठ के रूप में प्रदान किए जाते हैं जिन्हे प्राप्त कर करोड़ों भाई- बहन दुखों से मुक्त हुए हैं। दिव्य बीज मन्त्रों के पाठ मात्र से माँ लक्ष्मी, माँ दुर्गा, माँ सरस्वती की दैवीय शक्ति प्रकट होती है और पाठ करने वाले को जीवन के सभी आयामों में सुखों की प्राप्ति होती है। ये दिव्य मन्त्रों अत्यंत दुर्लभ हैं व साक्षात माँ दुर्गा है इन्हे प्रभु की कृपा के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता।

समागम में किसी भी प्रकार की कोई फीस नहीं लगती, न एंट्री फीस, न पाठ ग्रहण करने की फीस और न ही लंगर के लिए कोई मूल्य लिया जाता है। समागम, संगत के दुःख निवारण हेतु केवल सेवा भाव से ही आयोजित किया जाता है। 

प्रश्न 2: क्या पूजा सामग्री धाम से लेनी अनिवार्य है ?

उत्त :  धाम में उपलब्ध पूजा सामग्री साधारण नहीं है, आसान, रियाल, माला आदि को पूज्य गुरुदेवजी की कृपा से अभिमंत्रित किया जाता है, अभिमंत्रित सामग्री से पाठ करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 3: पाठ कैसे ग्रहण करे ?

उत्त :  पाठ की दुर्लभ कृपा आप समागम से प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई वृद्ध या बीमार है तो वे अपनी प्रार्थना नज़दीकी धाम में रख सकते हैं।

प्रश्न 4: पूज्य गुरुदेवजी ऑनलाइन लाइव कृपा प्रदान करते हैं, यदि हम किसी कारण वश लाइव कृपा ग्रहण नहीं कर पाते तो क्या हम बाद में वीडियो देखकर दिए गए मंत्र का पाठ कर सकते हैं ?

उत्त आप वीडियो के माध्यम से बाद में भी मंत्र ग्रहण कर सकते हैं किन्तु इस प्रकार प्राप्त मंत्र का पाठ करने से आंशिक लाभ प्राप्त होता है। लाइव प्रसारण के समय पूज्य गुरुदेवजी सभी के लिए पाठ करते हैं और लाइव जुड़ी संगत को विशेष कृपा की अनुभूति होती है। विशेष तिथि और विशेष समय पर गुरु से प्राप्त मंत्र की विशेष महिमा होती है। अतः पूर्ण लाभ लेने के लिए आप लाइव प्रसारण अवश्य देखे। लाइव प्रसारण घर में शुद्ध स्थान पर ग्रहण करे, धुप व दीपक अवश्य जलाए, आसन पर बैठकर कृपा ग्रहण करे यदि आप बहार है तो यथोचित कृपा ग्रहण कर सकते है। कृपा ग्रहण करने के पश्चात् आप भाव अनुसार नमस्कार राशि भी अवश्य रखे।

प्रश्न 5: बीज मन्त्र कब बदले जाते हैं ?

उत्त :  दिव्य बीज मन्त्रों का प्रारूप वर्ष में दो बार परिवर्तित होता है : गुरु पूर्णिमा के अवसर पर और परम पूज्य सदगुरुदेव जी के ज्योतिदिवस पर।