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बीज मंत्रों के प्रभाव का महाआश्चर्य, ठीक हो रही है मस्कुलर डिस्ट्रफी

मस्कुलर डिस्को ऐसा असाध्य रोग है जो कि आधुनिक मेडिकल जगत के रिकोर्ड में लाइलाज है। इस रोग के शिकार व्यक्ति के मसल्स की कोशिकाएं और तंतु मृत हो जाते हैं जिस कारण शरीर पंगु हो जाता है। यह मसल्स के साथ-साथ हार्ट, नर्वस सिस्टम, आंखों, स्किन तथा शरीर के अन्य अंगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। आप पढ़िये ऐसे ही एक किशोर तजेन्दर सिंह पर हुई गुरुदेव जी की कृपा का विवरण।

मेरे बेटे तजेन्दर सिंह को मस्कुलर डिस्ट्रफी है। मैंने डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने सीपीके (CPK) टेस्ट करवाने को कहा। रिपोर्ट में पता चला कि मेरे बेटे की सीपीके रेंज 14514 है जबकि सामान्य व्यक्ति में यह 35-232 होनी चाहिए। यह काफी ज्यादा थी। मिल्ट्री हास्पीटल के डाक्टरों ने तो यहां तक बोल दिया था कि बहनजी अब आप अपने बेटे को भूल जाओ। मेरे बेटे की बीमारी खतरनाक तरीके से रोज बढ़ती जा रही थी, यह बीमारी कभी कम नहीं होतीं। अपने बेटे की हालत देखकर में रोने लगी। मैंने भगवान का पाठ करना आरंभ किया। एक दिन मैंने अखबार में गुरुजी के बारे में पढ़ा। गुरुदेव का शिविर लुधियाना में था। जब मैं वहां गई तो गुरुदेव जी के दर्शन करके मुझे लगा कि ये वही अल्लाह, गुरु या फकीर हैं जिनकी मुझे तलाश थी। गुरुदेव के दर्शन कर मुझे विश्वास हो गया कि अब मैं सही जगह पर आ गई हूँ। गुरुदेव जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद मैंने और मेरे पुत्र ने बीजमंत्रों का पाठ शुरू किया और विशेष कृपा भी ली।

एक रात मैं गुरुजी के बारे में सोचती रही, मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं सोच रहाँ थी रात खत्म हो, सुबह गुरुजी के दर्शन करने हैं। उसी रात मैंने देखा कि गुरुदेव मेरे पास खड़े हैं, उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया। दूसरी रात मैंने देखा कि गुरुदेव और गुरुमां दोनों हमारे बैड के पास खड़े हैं। गुरुजी, गुरुमां को कह रहे हैं कि यह दवा बच्चे के मुंह में डाल दो। मैंने यह सारा दृश्य अपनी आंखों से देखा। गुरूजी की दया और दवा दोनों ने काम किया। मैंने अस्पताल जाकर अपने बेटे का फिर सीपीके टेस्ट करवाया इस बार सीपीके 2179 निकला। मैंने रेनबैक्सी के एक डाक्टर को केस दिखाया तो वे हैरान हो गए। उन्होंने कहा कि उनको जिंदगी में यह पहला केस देखने को मिला है जब किसी का सीपीके कम हुआ है। गुरुदेव के आशीर्वाद और बीजमंत्रों के पाठ से मेरा दुख दूर हो गया है।

मेरे बेटे की फिजियोथैरेपी हो रही है। उसकी टांगे घुटनों से सीधी नहीं होती थी, अब वह बिल्कुल सीधी हो गई है। मेरा बेटा अब अपने पांव पर खड़ा भी होने लग गया है।

यह सब गुरुदेव की विशेष कृपा का फल है। मैं गुरुजी और गुरुमां को शत-शत नमन करती हूं।

परविंदर कौर, जालंधर, पंजाब

तजेन्दर सिंह

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