परम पूज्य सद्गुरुदेव जी ने कहा कि आपने देखा होगा कि मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे में गुंबद होते हैं। ये गुंबद गोलाकार होते हैं और शंकुलाकार भी होते हैं। इनके पीछे जो मकसद है वह मानव शरीर के लिए बहुत लाभकारी है। किसी भी पूजा स्थल पर जो पूजा की जाती है, अजान दी जाती है या घंटे-घड़ियाल बजाए जाते हैं, उनके प्रभाव से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है वह तमाम असाध्य रोगों के कीटाणुओं को समाप्त करने में सक्षम होती है। ये गुंबद पूजा स्थल में लोगों द्वारा की गई पूजा व मंत्र पाठ की ऊर्जा को बाहर नहीं जाने देते। जब भी कोई व्यक्ति वहां पूजा के लिए जाएगा और बैठ जाएगा तो उसे वह ऊर्जा स्वतः ही प्राप्त हो जाएगी। इसके प्रभाव से उसके असाध्य रोग भी समाप्त हो जाएंगे। इसलिए पूजा की छत पर गुंबद बनाए जाते हैं।
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